साल के अंत तक एंड्रॉयड डिवाइस पर पासवर्ड डालने से मिल जाएगा छुटकारा
गूगल ने अपने अपनी सालाना डेवलेपर कॉन्फ्रेंस में पिछले साल पासवर्ड से छुटकारे से जुड़ी एक योजना के बारे में जानकारी दी। उस वक्त गूगल ने बताया था कि कंपनी ‘प्रोजेक्ट एबेकस’ नाम के नए सिस्टम पर काम कर रही है जिससे यूजर की पहचान विभिन्न पैटर्न के जरिए वेरिफाई की जा सकेगी। अब गूगल आईओ 2016 में गूगल की एटीएपी टीम के निदेशक डैन कौफमैन ने इस प्रोजेक्ट के बारे में नई जानकारी देते हुए बताया कि ‘प्रोजेक्ट एबेकस’ 2016 के अंत तक डेवलेपर्स के लिए उपलब्ध होगा।
याद दिला दें, ‘प्रोजेक्ट एबेकस’ को गूगल ने सबसे पहले पिछले साल पेश किया था और इसे दो फैक्टर ऑथेंटिकेशन कै तौर पर देखा गया था। गूगल ने पिछले साल घोषणा की थी कि फिलहाल प्रोजेक्ट ट्रायल पर है और फीचर को टेस्ट करने के लिए 33 यूनिवर्सिटी के साथ टाईअप किया गया है। कंपनी ने जोर देते हुए कहा था कि पासवर्ड को याद रखना बेहद कठिन है। ‘प्रोजेक्ट एबेकस’ के टाइपिंग, वॉकिंग, लोकेशन और कई दूसरे यूजर पैटर्न को ध्यान में रखकर बनाने की बात कही गई थी।
टेकक्रंच की एक रिपोर्ट के मुताबिक, कौफमैन ने ‘प्रोजेक्ट एबेकस’ को लेकर पुष्टि करते हुए बताया है कि यूजर ‘ट्रस्ट स्कोर’ से ही किसी डिवाइस को अनलॉक करने के साथ किसी ऐप में साइन-इन भी कर सकते हैं।
प्रोजेक्ट के बारे में कौफमैन ने ज्यादा जानकारी देते हुए कहा, ”हमारे पास एक फोन है और इन फोन में सभी तरह के सेंसर हैं। फोन इस बात का पता क्यों नहीं लगा सकता कि मैं कौन हूं, मुझे पासवर्ड की जरूरत नहीं है। मुझे सिर्फ काम करना चाहिए।” उन्होंने बताया कि गूगल के इंजीनियर की टीम ने ‘ट्रस्ट स्कोर’ को ‘ट्रस्ट एपीआई’ में बदल दिया है।
जानकारी मिली है कि गूगल द्वारा अगले महीने कई बड़े वित्तीय संस्थानों के साथ ‘ट्रस्ट एपीआई’ की टेस्टिंग की जा सकती है। कौफमैन के मुताबिक, ”अगर सब कुछ अच्छा रहता है तो, इस साल के अंत तक हर एंड्रॉयड डेवलेपर के पास यह उपलब्ध होना चाहिए।”
टेकक्रंच की एक रिपोर्ट के मुताबिक, कौफमैन ने ‘प्रोजेक्ट एबेकस’ को लेकर पुष्टि करते हुए बताया है कि यूजर ‘ट्रस्ट स्कोर’ से ही किसी डिवाइस को अनलॉक करने के साथ किसी ऐप में साइन-इन भी कर सकते हैं।
प्रोजेक्ट के बारे में कौफमैन ने ज्यादा जानकारी देते हुए कहा, ”हमारे पास एक फोन है और इन फोन में सभी तरह के सेंसर हैं। फोन इस बात का पता क्यों नहीं लगा सकता कि मैं कौन हूं, मुझे पासवर्ड की जरूरत नहीं है। मुझे सिर्फ काम करना चाहिए।” उन्होंने बताया कि गूगल के इंजीनियर की टीम ने ‘ट्रस्ट स्कोर’ को ‘ट्रस्ट एपीआई’ में बदल दिया है।
जानकारी मिली है कि गूगल द्वारा अगले महीने कई बड़े वित्तीय संस्थानों के साथ ‘ट्रस्ट एपीआई’ की टेस्टिंग की जा सकती है। कौफमैन के मुताबिक, ”अगर सब कुछ अच्छा रहता है तो, इस साल के अंत तक हर एंड्रॉयड डेवलेपर के पास यह उपलब्ध होना चाहिए।”
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